शहर
में प्रमुख चौराहों पर पुलिस द्वारा सी.सी.टी.वी. लगवाया गया ताकि पुलिस
नागरिकों की अच्छी तरह से सुरक्षा कर सके। लेकिन लोग तो बस इसमें भी अपनी
सुविधा ढूँढ़ते हैं। इसी तरह एक दिन संता ने सुबह-सुबह पुलिस कंट्रोल रूम
में फ़ोन किया।
संता: हैलो, जी मुझे आपकी सहायता चाहिए थी
कंट्रोल रूम: जी बताइए क्या सहायता चाहिए? हम आपकी सहायता के लिए ही हैं।
संता: क्या आपके सी.सी.टी.वी.
कैमरे ठीक काम कर रहे है?
कंट्रोल रूम: जी हाँ, बिलकुल।
संता: क्या इसमें गली न 5 नज़र आ रही है?
कंट्रोल रूम: जी हाँ नज़र आ रही है।
संता: क्या उसके पीछे वाली गली भी दिख रही है?
कंट्रोल रूम: जी जनाब ! क्या बात हो गई?
संता: कुछ नहीं ज़रा देख कर बताना छोले-भटूरे वाले की दुकान खुल गई या नहीं?
.........
संता: हैलो, जी मुझे आपकी सहायता चाहिए थी
कंट्रोल रूम: जी बताइए क्या सहायता चाहिए? हम आपकी सहायता के लिए ही हैं।
संता: क्या आपके सी.सी.टी.वी.
कैमरे ठीक काम कर रहे है?
कंट्रोल रूम: जी हाँ, बिलकुल।
संता: क्या इसमें गली न 5 नज़र आ रही है?
कंट्रोल रूम: जी हाँ नज़र आ रही है।
संता: क्या उसके पीछे वाली गली भी दिख रही है?
कंट्रोल रूम: जी जनाब ! क्या बात हो गई?
संता: कुछ नहीं ज़रा देख कर बताना छोले-भटूरे वाले की दुकान खुल गई या नहीं?
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